Sanskrit Learning
Lesson 1
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |||
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(1) | नर (पुं) | अकारान्तः | person | (1) | पठ् (प.प.) | Study | पठ्यते | |
1 | नरः | नरौ | नराः | प्र. | पठति | पठतः | पठन्ति | |
2 | नरम् | नरौ | नरान् | म. | पठसि | पठथः | पठथ | |
3 | नरेण | नराभ्याम् | नरैः | उ. | पठामि | पठावः | पठामः | |
4 | नराय | नराभ्याम् | नरेभ्यः | |||||
5 | नरात् | नराभ्याम् | नरेभ्यः | (2) | दृश् (प.प.) | See | दृश्यते | |
6 | नरस्य | नरयोः | नराणाम् | प्र. | पश्यति | पश्यतः | पश्यन्ति | |
7 | नरे | नरयोः | नरेषु | म. | पश्यसि | पश्यथः | पश्यथ | |
सं | (हे) नर | (हे) नरौ | (हे) नराः | उ. | पश्यामि | पश्यावः | पश्यामः | |
(2) | ग्रन्थ (पुं) | अकारान्तः | book | (3) | दा (उ.पदी) | Give | दीयते | |
1 | ग्रन्थः | ग्रन्थौ | ग्रन्थाः | प्र. | ददाति | दत्तः | ददति | |
2 | ग्रन्थम् | ग्रन्थौ | ग्रन्थान् | म. | ददासि | दत्थः | दत्थ | |
3 | ग्रन्थेन | ग्रन्थाभ्याम् | ग्रन्थैः | उ. | ददामि | दद्वः | दद्मः | |
4 | ग्रन्थाय | ग्रन्थाभ्याम् | ग्रन्थेभ्यः | |||||
5 | ग्रन्थात् | ग्रन्थाभ्याम् | ग्रन्थेभ्यः | (4) | कृ (उ.पदी) | Do | क्रियते | |
6 | ग्रन्थस्य | ग्रन्थयोः | ग्रन्थानाम् | प्र. | करोति | कुरुतः | कुर्वन्ति | |
7 | ग्रन्थे | ग्रन्थयोः | ग्रन्थेषु | म. | करोषि | कुरुथः | कुरुथ | |
सं | (हे) ग्रन्थ | (हे) ग्रन्थौ | (हे) ग्रन्थाः | उ. | करोमि | कुर्वः | कुर्मः | |
(3) | कुमार (पुं) | अकारान्तः | boy,youth | (5) | अस् (प.प.) | To be | भूयते | |
1 | कुमारः | कुमारौ | कुमाराः | प्र. | अस्ति | स्तः | सन्ति | |
2 | कुमारम् | कुमारौ | कुमारान् | म. | असि | स्थः | स्थ | |
3 | कुमारेण | कुमाराभ्याम् | कुमारैः | उ. | अस्मि | स्वः | स्मः | |
4 | कुमाराय | कुमाराभ्याम् | कुमारेभ्यः | |||||
5 | कुमारात् | कुमाराभ्याम् | कुमारेभ्यः | (6) | पठ् (कर्मणि) | लट् | ||
6 | कुमारस्य | कुमारयोः | कुमाराणाम् | प्र. | पठ्यते | पठ्येते | पठ्यन्ते | |
7 | कुमारे | कुमारयोः | कुमारेषु | म. | पठ्यसे | पठ्येथे | पठ्यध्वे | |
सं | (हे) कुमार | (हे) कुमारौ | (हे) कुमाराः | उ. | पठ्ये | पठ्यावहे | पठ्यामहे |
॥संस्कृते वाक्यानां प्रकाराः॥
प्रथमो घट्टः
प्रथमा – नरः पठति। नरौ पठतः। नराः पठन्ति।
द्वितीया – नरः पठति ग्रन्थम्।
तृतीया – ग्रन्थः पठ्यते नरेण । (कर्मणि वाक्यम्, कर्ता=तृतीया)
तृतीया – नरः ददाति हस्तेन। (करणम्=तृतीया)
चतुर्थी – नरः ददाति कुमाराय । (सम्प्रदानम्=चतुर्थी)
पञ्चमी – नरः आददाति कुमारात्। (अपादानम्=पञ्चमी)
पञ्चमी – ज्ञानात् इच्छा जायते। (इच्छायाः हेतुः ज्ञानम्)(हेतुः=पञ्चमी)
षष्ठी – नरः पाठम् करोति ग्रन्थस्य। (कारकम्=कृद्योग–षष्ठी)
सप्तमी – नरः पठति ग्रामे। नरः अस्ति ग्रामे। (अधिकरणम्=सप्तमी)
सर्वविभक्तयः – नरः ग्रन्थम् हस्तेन कुमाराय ग्रन्थालयात् मित्रस्य ग्रामे ददाति।
द्वितीयो घट्टः
चतुर्थी – ग्रन्थस्य दानाय नरः गच्छति गृहम्। (to give a book)
तुमुन् – ग्रन्थम् दातुम् नरः गच्छति गृहम्। (to give a book)
क्त्वा – गृहम् गत्वा नरः ददाति ग्रन्थम्। (after going to home)
ल्यप् – गृहम् आगम्य नरः ददाति ग्रन्थम्। (after coming to home)
तृतीयो घट्टः
भावसप्तमी – जने ग्रन्थम् दत्तवति छात्रः ओदनम् खादति। (क्तवतु)
भावसप्तमी – जनेन ग्रन्थे दत्ते छात्रः ओदनम् खादति। (क्त)
भावसप्तमी – जने ग्रन्थम् ददति छात्रः ओदनम् खादति। (शतृ)
भावसप्तमी – जनेन ग्रन्थे दीयमाने छात्रः ओदनम् खादति। (कर्मणि शानच्)
निर्धारणम् – छात्रः शास्त्राणाम्/शास्त्रेषु वेदान्तम् पठति।
निर्धारणम् – अध्यात्मविद्या विद्यानाम्। वृष्णीनां वासुदेवोऽस्मि।
चतुर्थो घट्टः
द्विकर्मकधातुः – छात्रः जनम् ग्रन्थम् याचते। (कर्तरि)
द्विकर्मकधातुः – छात्रेण जनः ग्रन्थम् याच्यते। (कर्मणि)
णिजन्तम् – जनः छात्रम् ग्रन्थम् पाठयति। (कर्तरि)
णिजन्तम् – जनेन छात्रः ग्रन्थम् पाठ्यते। (कर्मणि)